हिंदी हमारी आन है , हिंदी हमारी शान है
हमारी चेतना वाणी का हिंदी शुभ वरदान है,
करते हैं तन-मन से वंदन
जन-गण-मन की अभिलाषा का
अभिनन्दन अपनी संस्कृति का
आराधना अपनी राष्ट्रभाषा का |
मोरीगांव महाविद्यालय में हिंदी विभाग की स्थापना सन 1996 ई. में हुई | प्रारंभ में हिंदी विषय को द्वितीय भाषा और मातृभाषा के रूप में गौहाटी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम के अनुरूप रखा गया, परंतु विद्यार्थी की मांग और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सन 1999 ई. में गुरु विषय (Major subject) का पाठ्यक्रम भी शुरू किया गया |
भावी ज्ञान -अर्थव्यवस्था में योगदान के लिए नई पीढ़ी को संवधित करना है |
आओ मिलकर हाथ बढ़ाए , हिंदी को जन -जन तक फैलाए |
हिंदी हमारी आन है , हिंदी हमारी शान है
हमारी चेतना वाणी का हिंदी शुभ वरदान है |
विद्यार्थियों में हिंदी भाषा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना।
हिन्दी साहित्य की विभिन्न आधुनिक प्रवृत्तियों से छात्रों को परिचित कराना।
हिंदी भाषा में छात्रों की भाषा प्रवीणता और संचार कौशल विकसित करना।
हिंदी भाषा के बारे में बुनियादी और सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए।
शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ हिंदी साहित्य के अध्ययन में छात्रों के बीच रुचि पैदा करना।
राष्ट्रनिर्माण की प्रक्रिया में योगदान देने के लिए क्षेत्र के मानव संसाधन को विकसित करने की दृष्टि से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से ज्ञान को बढावा देना है |
हिंदी विभाग ,गौहाटी विश्वविद्यालय के सी सी एस -यूजी द्वारा गृहीत :
* हिंदी (सन्मान विषयक पाठ्यक्रम , आधुनिक भारतीय भाषा के रूप में ,सामान्य विषय के रूप में) |
विभाग की और से संचालित (कौशल वर्धक)उपाधि पाठ्यक्रम :
* बोलचाल हिंदी , प्रयोजनमूलक हिंदी , हिंदी अनुवाद, राजभाषा हिंदी
कक्षा -03 (11, 14, 31 )
डिजिटल कक्षा - 01 (26)
पुस्तकालय - 01
प्राचीर पत्रिका - 01
फोटो गलरी - 02
स्टील अलमीरा - 03
बुक शेल्फ - 02
टेबल - 02
कुर्शी - 08
डेस्कटॉप कंप्यूटर - 01
प्रिंटर - 01
फेन - 02
घड़ी - 01
योग्य और अनुभवी कर्मचारी। शिक्षक आईसीटी पैनल बोर्ड क्लास की मदद से पढ़ाने में सक्षम हैं। विभाग का परिणाम शत प्रतिशत रहा | विभाग ने प्रयोजन मूलक हिंदी, बोलचाल हिंदी, कामकाजी हिंदी,अनुवाद प्रविधि, हिंदी टंकण एवं मूद्रण, राजभाषा हिंदी आदि विषयों पर उपाधि पत्र पाठ्यक्रम शुरू किया है। विभाग अपने छात्रों को उन्नत पाठ्यक्रम प्रदान करता है। विभाग के पास अच्छे शैक्षणिक वाहक हैं। छात्रों को हिंदी भाषा से सम्बंधित दिशाओं में मार्गदर्शन करने का प्रयास विभाग की ओर से निरंतर करता आया है।
कंप्यूटर और नेट की धीमी गति
विभाग में चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी का अभाव
विभाग का कार्यालय छोटा है।
छात्रों के पास क्रेन्द्रीय और राज्य सरकार के लिए काम करने के कई अवसर हैं। क्षेत्रीय और राज्य स्तर पर सामाजिक मुद्दों पर समूह चर्चा आयोजित करना । असम राष्ट्र भाषा प्रचार प्रसार के लिए समिति के अंतर्गत 'प्रवीन'उपाधि पत्पर की परीक्षा का आयोजन |
आस-पास के विद्यालयों के विद्यार्थियों के बीच हिंदी के प्रति रुचि एवं जागरूकता पैदा करने का प्रयास करना।
नौकरी के अवसरों की कमी। हिंदी के प्रति जागरूकता का अभाव। पर्याप्त अध्ययन सामग्रियों का अभाव। डिजिटल क्लास रूम की कमी। भाषा शोध परीक्षागार का अभाव।
भारतीय साहित्य-संस्कृति अतीत और वर्तमान हिंदी साहित्य के इतिहास को समस्याएं |
हिंदी विभाग, मरिगाँव महाविद्यालय हिंदी विभाग, मरिगांव महाविद्यालय
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राष्ट्रीय
राष्ट्रीय |
2023 फरवरी में आयोजित महाविद्यालय सप्ताह समारोह प्रतियोगिता में अनुष्ठित सांस्कृतिक शोभायात्रा में प्रथम स्थान तथा प्राचीर पत्रिका प्रतियोगिता में तीसरे स्थान प्राप्त हुए हैं।
विभाग की ओर से वार्षिक दिवाल पत्रिका ' अस्मिता' तथा ई-पत्रिका 'उमंग'।
श्री रूपम डेका (पानी कुवरी एल पी /201 8 )
श्री लिमा शइकीया (बरंगाबारी एम भी /202 0 )
श्री रश्मिरेखा देवी ( बापूजी एम ई /2020 )
श्री बर्षा मल्लिक , प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता , द्वितीय स्थान ( 2021 )
श्री परिक्षित नाथ, सहायक अध्यापक ( दुमदुमा कॉलेज, 2021 )
डॉ. जया गोगोई ( स्लेट, 2021)
श्री गोबिंद मुनि बरदलै, राष्ट्रीय स्तर के फूटबल खिलाड़ी, ( अल इंडिया फूटबल फेडरेशन, अंडर 18 )
श्री अमरज्योति बरदलै ( कविता वाचन ,गौहाटी विश्वविद्यालय 2022 )
श्रीमती हर्षिता देवी, स्नातकोत्तर शिक्षिका ( जवाहर नवोदय विद्यालय, 2021 )
श्री बिभूति बिक्रम नाथ ( नेट 2021 )
श्रीमती शिल्पी शिखा बोरा, मरिगांव नगर एम.ई मद्रासा, 2022)
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाना।
कौशली शिक्षा को बढ़ावा देना, रोजगार परक शिक्षा के द्वारा विद्यार्थियों को स्वावलंबी बनाना।
वैश्विक तथा राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी एवं कार्यशाला का आयोजन।
सक्रिय सीखने को प्रोत्साहित करना शिक्षार्थी-केंद्रित शिक्षण वातावरण बनाना सार्थक बातचीत के लिए प्रेरित करना लचीला और स्पष्ट पाठ्यक्रम का रचना करना